न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद बंजर भूमि पर मैरिज हॉल बनकर तैयार
कूट रचना कर बनाया गया दस्तावेज, मा. उच्च न्यायालय से तथ्य छुपाया गया
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न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद बंजर भूमि पर मैरिज हॉल बनकर तैयार
जौनपुर. चांदमारी कॉलोनी कन्हईपुर में आराजी नंबर 11 में न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद बंजर भूमि पर मैरिज हॉल बनकर तैयार हो गया है. चर्चा है कि भू माफिया द्वारा दोनों स्थगन आदेशों को छुपा कर किसी बड़े नेता से उसका उद्घाटन कराने का प्रयास किया जा रहा है. कन्हईपुर निवासी दीप नारायण यादव ने बताया कि इस जमीन पर माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज की कोर्ट नंबर 6 द्वारा रिट नंबर 40763/ 2011 के तहत स्थगन आदेश दिया गया है. जो आज भी प्रभावी है, इसका स्टेटस ऑनलाइन देखा जा सकता है, माननीय सिविल जज जौनपुर की अदालत द्वारा मुकदमा संख्या 1886/ 1997 के तहत स्थगन आदेश दिया गया है 11 फरवरी 2025 को मुकदमे की सुनवाई है, दोनों स्थगन आदेश आज भी प्रभावित है. बीरबल यादव एवं उनके पुत्रों द्वारा उक्त दोनों न्यायालय द्वारा दिए गये स्थगन आदेशों को छुपा कर माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज मे एक नई रिट आर्टिकल 227 नंबर 7739/2024 दर्ज कराई गई जिसमे बीरबल यादव द्वारा कहा गया कि उक्त आराजी के पश्चिमी भाग मे मेरे कुछ पेड़ लगे हैं और एक टिन सेड है, गाय, भैंस को बाँधने का स्थान है, जिस पर से हमे बे दखल न किया जाय, वहाँ एकदम शांति क़ायम है, इस याचिका पर माननीय उच्च न्यायालय ने आराजी नंबर 11 के उस भाग जहाँ पेड़ और टिन शेड है पर कब्जा न हटाने का निर्देश दिया लेकिन इस जमीन पर निर्माण करने का कोई आदेश नहीं दिया. इस पजेशन को न डिस्टर्ब करने के आदेश की गलत व्याख्या देकर एवं अनुचित लाभ के सहारे मैरिज हॉल एवं दुकान तैयार कर ली गई है. इतना ही नही पचासों साल पुराने बने डीह बाबा स्थल के रास्ते पर गेट लगा कर सार्वजनिक रास्ते को बंद कर दिया. इसी रास्ते से एक वरिष्ठ पत्रकार के घर का भी रास्ता है. इसकी जानकारी प्रशासन को लिखित एवं समाचार पत्रों के माध्यम से मिलती रही है लेकिन निर्माण कार्य रुकवाया नहीं गया और बनने दिया गया और न ही सार्वजानिक रास्ते को अवरुद्ध करने वाले गेट को हटाया गया. अब उसके उद्घाटन की तैयारी है. बताया गया कि बंजर जमीन होने के नाते मास्टर प्लान से नक्शा भी नहीं पास है. कागज पर ध्वस्तीकरण के लिए दफा 10 की कार्यवाही भी चल रही है लेकिन बराबर निर्माण होता रहा है. नगरपालिका परिषद् और जल निगम द्वारा अवैध बने मैरेज हाल और दुकानों कि सीवर लाइन को सरकारी सीवर लाइन से जोड़ दिया गया. दीप नारायण यादव ने कहा कि आजादी के बाद इस जमीन के मालिक हादी हुसैन 1952 में पाकिस्तान चले गए और वहीं के निवासी हो गए. हादी हुसैन के पाकिस्तान जाने के बाद खाली बंजर जमीन के बगल के मोहल्ले वाजिदपुर दक्षिणी से कन्हई पुर जाने के लिए इस जमीन को पार करते हुए तीन सड़के बनी जिस पर से आम लोग आ जा रहे हैं इन्ही तीनो सड़कों मे से एक सड़क मजार के बगल से वाजिदपुर दक्षिणी और कन्हईपुर जोड़ रही है.अब भू माफिया कॉलोनी की तीनों सड़कों और सैकड़ो वर्ष पुरानी मजार की जमीन को भी अपना बता रहा है और उसको गेट लगाकर के घेर लिया है और सार्वजनिक रास्ते को बंद कर दिया है. दीप नारायण यादव ने बताया कि हमने इस संबंध में जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन को लिखित कई बार सूचना दिया है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई न ही हमारी बात कोई सुनता है. देखना है कि करोडो रूपये के इस कब्जा कांड का खुलासा कर सरकारी जमीन को प्रशासन कब मुक्त कराता है.