जौनपुर चांदमारी भीटा कब्जा अपडेट
पहली बार जिला मजिस्ट्रेट ने माना कि भीटा भूमि आराजी नंबर 11कन्हईपुर मे बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है और भीटा भूमि पर निर्माण रोकने का आदेश दिया
जौनपुर. माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज ने जिलाधिकारी जौनपुर को एक माह पूर्व आदेश दिया था कि कन्हैईपुर आराजी नंबर 11 जो भीटा भूमि है पर किसी का नाम कैसे दर्ज हुआ और वहां निर्माण कैसे हो रहा है.इसकी जानकारी 90 दिन के अंदर उच्च न्यायालय को दें.जिलाधिकारी ने एसडीएम सदर और तहसीलदार से इस संबंध मे लिखित जानकारी देने को कहा लेकिन दोनों अधिकारी कोई स्पष्ट जबाब नहीं दें सके. जिससे भयंकर गड़बड़ी की आशंका के चलते जिलाधिकारी ने दिनांक 27 सितम्बर2025 को भीटे को अपनी व्यक्तिगत जमीन बता कर मैरेज हाल एवं मार्ट बनाने वाले बीरबल यादव को इस जमीन पर कोई निर्माण न करने कोई जमीन न बेचने का आदेश दिया और सुनवाई की अगली तारीख 8अक्टूबर को दोनों पक्षो सहित संबंधित अधिकारियों सभी दस्तावेज लेकर उपस्थित होने को निर्देश दिया है.
दूसरा अपडेट – बिना मास्टरप्लान की अनुमति लिए इसी भूमि पर निर्माण की जानकारी मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट ने 2024 मे अवैध निर्माण को रोकने और जो निर्माण हो चुका है उसे क्यों न ध्वस्त कर दिया जाय, इस आशय की नोटिस बीरबल यादव को दिया था और थाना लाइन बाजार भी निर्माण रोकने का आदेश दिया था लेकिन बीरबल के ऊपर आदेश का कोई असर नहीं पड़ा औऱ उसने निर्माण नहीं रोका. ज़ब नोटिस दी गयी थी ज़ब मैरेज हाल एवं मार्ट की नीव पड़ी थी और कुर्सी तक निर्माण हुआ था लेकिन तब से अब तक सिटी मजिस्ट्रेट की अदालत मे इस केश की लगभग दो दर्जन सुनवाई की तारीख़ पड़ चुकी है जिससे यह बात अदालत मे सुनी ही नहीं गयी कि कार्य रोकने के आदेश के बावजूद कार्य चल रहा है, जिससे निर्माण होता गया. आज उसी कुर्सी नीव के ऊपर मैरेज हाल और मार्ट बन गया,,हजारों रूपये की रोज आमदनी कब्जा करने वालों को मिल रही है.
मजे की बात निर्माण रोकने एवं कुर्सी तक मार्ट एवं मैरेज हाल को ध्वस्त करने की 2024 के मुकदमे की नयी तारीख 16 october, है
तीसरा अपडेट- सन 2023 इस भीटा भूमि पर बीरबल का दर्ज फर्जी नाम को हटा कर पुनः भीटा खाते मे दर्ज करने हेतु हल्का लेखपाल, कानूनगो एवं तहसीलदार ने अपनी रिपोर्ट लगाई है लेकिन अबतक एस डी एम सदर उसे भीटा खाते मे दर्ज करने का आदेश नहीं दे पाए. जिससे बीरबल को मार्ट एवं मैरेज हाल निर्माण करने का खूब मौका मिला जिससे उसने पूरा निर्माण कर लिया. आज भी तारीख पर तारीख़ पड़ रही है, अगली तारीख़ 16 अक्टूबर पड़ी है. 3 साल मे लगभग दर्जन भर से अधिक सुनवाई की तारीख पड़ चुकी है.
देखना है की कब तक तारीख पर तारीख पडती रहेगी एक दिन तो सिटी मजिस्ट्रेट को ध्वस्त करने का आदेश देना पड़ेगा क्योंकि सब अवैध है. एसडीएम को रिपोर्ट के आधार पर भीटा घोषित करना ही पड़ेगा क्योंकि सब सरकारी रिपोर्ट लग चुकी है.